सावर में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन का दिया प्रशिक्षण, ई पंचायत पर स्वामित्व दस्तावेज की जानकारी होगी अपलोड, ग्रामीण आबादी भूमि का रिकार्ड होगा ओनलाईन, ग्रामीणों को मिलेगें पट्टे और मोबाईल्ल पर भिजवाई जायेगी पट्टे की पीडीएफ

सावर में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन का दिया प्रशिक्षण, ई पंचायत पर स्वामित्व दस्तावेज की जानकारी होगी अपलोड, ग्रामीण आबादी भूमि का रिकार्ड होगा ओनलाईन, ग्रामीणों को मिलेगें पट्टे और मोबाईल्ल पर भिजवाई जायेगी पट्टे की पीडीएफ
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सावर में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन का दिया प्रशिक्षण, ई पंचायत पर स्वामित्व दस्तावेज की जानकारी होगी अपलोड, ग्रामीण आबादी भूमि का रिकार्ड होगा ओनलाईन, ग्रामीणों को मिलेगें पट्टे और मोबाईल्ल पर भिजवाई जायेगी पट्टे की पीडीएफ

आज दिनांक 25.01.2024 को माननीय मुख्यकार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद अजमेर के आदेशानुसार स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन के संबंध में प्रशिक्षण पंचायत समिति सावर क्षेत्र के समस्त ग्राम विकास अधिकारियों, क.सहायकों, ग्राम रोजगार सहायको का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन रखा गया। प्रशिक्षण की शुरूआत में श्री चिरन्जीलाल वर्मा विकास अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय पंचायत दिवस 24 अप्रेल 2020 के अवसर पर सरकार द्वारा स्वामित्व योजना आरम्भ की गई। सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था और समाज पर दूरगामी प्रभाव को देखते हुए इस योजना का क्रियान्वयन पंचायतीराज विभाग व राजस्व विभाग के संयुक्त प्रयासो से किया जा रहा है।


सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था और समाज पर दूरगामी प्रभाव को देखते हुए इस योजना का क्रियान्वयन पंचायतीराज विभाग व राजस्व विभाग के संयुक्त प्रयासो से किया जा रहा है। डिजिटल इंडिया को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने ग्रामीण स्वामित्व योजना की शुरुआत की है । इस योजना के तहत लाभार्थी ग्रामीणों को पट्टा/विक्रय विलेख एवं रजिस्ट्री भौतिक रूप से देने के साथ-साथ दस्तावेजों की पीडीएफ फाईल बनाकर लाभार्थी के मोबाईल नंबर पर भी प्रेषित की जावेगी। ग्रामीण आबादी भूमि का रिकार्ड ओनलाईन होगा। इस योजना के तहत, आवेदकों को गांवों के घरों में बैंक ऋण जल्दी मिल जाएगा। यह योजना ग्रामीण लोगों को बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सहायता करेगी। स्वामित्व योजना के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामीण समाज के काम ऑनलाइन हो जाएंगे। ऑनलाइन होने की वजह से भूमाफिया और फर्जीवाड़ा और भूमि की लूट सभी कुछ पूर्ण रूप से बंद हो जाने की उम्मीद है। स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण आबादी को उनके घरों पर ऋण उपलब्ध कराना है। सरकार गांवों में ड्रोन का उपयोग करके डिजिटल सर्वेक्षण किया जावेगा और पात्र लोगों को स्वामित्व प्रमाणपत्र प्रदान किया जावेगा। गांवों में विकास की गति को तेज देने के लिए दो वेब पोर्टल, ई-ग्राम स्वराज और स्वामित्व योजना शुरू किया गया है। ग्रामों में संपत्तियों की मैपिंग में स्वामित्व योजना ड्रोन का उपयोग से होगी। इससे संपत्ति पर विवादों को कम करने में मदद मिलेगी। पोर्टल ग्रामीणों को बैंकों से ऋण लेने में आसान बनाने में मदद करेगा। इस स्कीम के तहत आवासीय संपत्ति के मालिकों को सरकार से आवासीय कार्ड मिलेंगे। स्वामित्व योजना में गांवों में भूमि के स्वामित्व का रिकॉर्ड तैयार होता है, जो कर संग्रह, भवन निर्माण स्वीकृति, भूमि उपयोग किस्म परिवर्तन, भूमि नाम हस्तान्तरण में सहयोग करेगा। स्वामित्व योजना के अंतर्गत संबंध संपत्ति नामांकन के प्रोसेस को सरल बनाना है। इस योजना के अंतर्गत ड्रोन के द्वारा भूमि का मैपिंग किया जाता है। भूमि के सत्यापन प्रक्रिया में तेजी और भूमि भ्रष्टाचार को रोकने में सहायता मिलेगी। स्वामित्व योजना के तहत गांवों के आबादी क्षेत्रों का डिजीटल मानचित्र तैयार किये जाकर भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों को सौपें जायेगे। गावांे की आबादी क्षेत्रों का सर्वेक्षण कार्य और मानचित्रण कार्य पूरा होने पर ग्राम पंचायतों के द्वारा राजस्थान पंचायतीराज नियम, 1996 के प्रावधानों के तहत संबंधित व्यक्ति को पटटा दिया जावेगा।

श्री नन्द किशोर कुमावत-प्रशिक्षक एव सहायक विकास अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री भू स्वामित्व योजना राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2020 को भारत सरकार द्वारा लागू की गई, जो वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रगति रत्त है, इस योजना के क्रियान्वयन में भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा उपलब्ध करवाए गए मानचित्र संख्या 2 के अनुसार ग्रामीण क्षैत्रो में काबिज स्वामित्व धारकों को स्वामित्व संबंधी विधिक दस्तावेज पट्टा/ विक्रय अभिलेख राजस्थान पंचायती राज नियमों के अनुसार जारी कर,ई पंचायत पर अपलोड करने के दौरान आने वाली व्यवहारिक समस्याओं के बारे में प्रशिक्षण दिया गया एवं राज्य सरकार के निर्देशानुसार 26 जनवरी 2024 तक जिले को आवंटित लक्ष्य के अनुसार लाभार्थियों को प्रॉपर्टी कार्ड/ पट्टे जारी करने के बारे में निर्देशित किया गया ,इस योजना के क्रियान्वयन की अंतिम तारीख वर्ष 2025 है जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर काबिज परिवारों को उनकी संपत्ति का स्वामित्व का विधिक दस्तावेज/ पट्टा विक्रय विलेख राजस्थान पंचायती राज नियमो के अनुसार उपलब्ध करवाया जाएगा व स्वामित्व दस्तावेजों की पीडीएफ लाभार्थियों के मोबाइल पर भिजवाई जाएगी, इस योजना में ग्राम पंचायतो के आबादी भूमि का रिकॉर्ड डिजिटल होगा एवं ग्रामीणों को स्वरोजगार एवं उनके आय के साधन बढ़ने में स्वामित्व योजना का बहुउपयोगी सिद्ध होगी। साथ ही भारतीय सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त मानचित्र प्रथम का सर्वे कार्य शीघ्र से शीघ्र पूरा करने के बारे में निर्देशित किया गया
इस दौरान पंचायत समिति क्षेत्र के ग्राम विकास अधिकारी ग्राम विकास अधिकारी ,कनिष्ठ सहायक उपस्थित रहे


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