नए साल की पहली कैबिनेट बैठक किसानों के नाम

नए साल के पहले दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई, जिसमें किसानों को राहत और सहायता देने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में फसल बीमा योजना के बजट को बढ़ाकर 69,515 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दी गई।
किसानों के लिए तकनीकी सुधारों पर जोर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में इन फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस निर्णय का उद्देश्य 2025-26 तक गैर-रोकथाम योग्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसलों को सुरक्षित करना है। साथ ही, योजना के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से पारदर्शिता बढ़ेगी और दावों के निपटान में तेजी आएगी।
इसके तहत, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (एफआईएटी) के लिए 824.77 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह कोष प्रौद्योगिकी आधारित पहल, जैसे यस-टेक, विंड्स, और अनुसंधान कार्यों के लिए उपयोग किया जाएगा।
प्रौद्योगिकी आधारित फसल अनुमान पर जोर
मंत्री ने बताया कि रिमोट सेंसिंग तकनीक के माध्यम से न्यूनतम 30% प्रौद्योगिकी आधारित फसल अनुमान किया जाएगा। यह प्रणाली वर्तमान में आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, और कर्नाटक जैसे नौ प्रमुख राज्यों में लागू की जा रही है। मध्य प्रदेश ने इसे 100% अपनाकर मिसाल कायम की है।
मौसम निगरानी में सुधार
मौसम सूचना और नेटवर्क डेटा सिस्टम को और मजबूत करने के लिए, ब्लॉक स्तर पर स्वचालित मौसम स्टेशन और पंचायत स्तर पर स्वचालित वर्षा गेज लगाने का निर्णय लिया गया है। इस पहल को देशभर के अन्य राज्यों में भी लागू करने की योजना है।
राज्य सरकारों को मिलेगा विशेष समर्थन
केंद्रीय सरकार ने राज्य सरकारों के लिए 90:10 की साझेदारी दर के तहत उच्च केंद्रीय निधि आवंटित करने की घोषणा की है। यह 2024-25 को तकनीकी सुधारों के लिए आधार वर्ष मानकर लागू किया जाएगा।