सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने और प्रशासक नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती

जयपुर ( प्रतीक पाराशर ) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार द्वारा राजस्थान में सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाते हुए उन्हें प्रशासक नियुक्त करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस याचिका को अधिवक्ता आर.के. गौत्तम और जी.एस. गौत्तम ने हाईकोर्ट में दाखिल किया है।
कांकरोली इसरोदा और कठूमर (अलवर) के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि सरपंचों को प्रशासक बनाकर वित्तीय अधिकार देना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243E, 243K, पंचायत राज एक्ट 1994, और पंचायती राज नियमों (सेक्शन 2, 17 और 94) का उल्लंघन है। याचिका में यह तर्क दिया गया है कि संविधान के अनुसार पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 5 वर्ष से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता।
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पंचायती राज एक्ट के सेक्शन 17 के अनुसार, राज्य सरकार केवल 5 वर्ष के भीतर ही किसी पंचायत को विघटित कर सकती है और इस प्रक्रिया के लिए गजट नोटिफिकेशन अनिवार्य है। इसके बाद प्रशासक की नियुक्ति की जा सकती है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि राज्य सरकार ने बिना गजट नोटिफिकेशन जारी किए ही सरपंचों को प्रशासक नियुक्त किया है।
सरकार पर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा गया है कि उपसरपंच और वार्ड सदस्यों को कमेटी बनाकर प्रशासकीय और वित्तीय अधिकार देना असंवैधानिक और नियमों के खिलाफ है।