राजस्थान में ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ मॉडल पर होंगे सभी 305 निकायों के चुनाव, नवंबर में संभावित मतदान

जयपुर | राजस्थान में ‘One State One Election’ मॉडल के तहत सभी 305 नगर निकायों के चुनाव एक साथ नवंबर में कराए जा सकते हैं। राज्य सरकार ने इस दिशा में तैयारियां शुरू कर दी हैं और वार्डों के परिसीमन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
निकाय परिसीमन और पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू
मंगलवार को स्वायत्त शासन विभाग में बैठक के दौरान नगरीय विकास एवं आवास (यूडीएच) मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि प्रदेश की नगर निकाय सीमाओं का परिसीमन और पुनर्गठन शुरू कर दिया गया है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद वार्डों का पुनर्गठन किया जाएगा और उसके बाद नए सिरे से मतदाता सूची तैयार होगी।
मंत्री ने कहा कि इस साल नवंबर में कई निकायों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, जबकि कुछ निकायों का कार्यकाल अगले साल जनवरी में पूरा होगा। हालांकि, कानूनी रूप से 6 महीने का ग्रेस पीरियड मिलता है, लेकिन सरकार सभी 305 निकायों के चुनाव एक साथ कराने की तैयारी कर रही है।
जयपुर, जोधपुर और कोटा में फिर होगा एक नगर निगम
मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नगर निगम बनाए जाने का फैसला पूरी तरह से राजनीतिक था। उन्होंने इसे अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि भारत की सबसे बड़ी नगर पालिका मुंबई है, जहां जयपुर से 10 गुना अधिक जनसंख्या के बावजूद केवल एक ही नगर निगम प्रभावी रूप से काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, “बिना किसी ठोस कारण के राजस्थान के जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नगर निगम बनाने का निर्णय गलत था। अब राज्य सरकार जनहित में इन तीनों शहरों में पुनः एक ही नगर निगम बनाएगी, ताकि शहरी प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाया जा सके और जनता को सुविधाएं बेहतर ढंग से मिल सकें।”
शहरी संपत्तियों का डिजिटल मैप बनेगा
मंत्री खर्रा ने बताया कि केंद्र सरकार की तर्ज पर अब राजस्थान में भी शहरी क्षेत्रों की संपत्तियों का डिजिटल सर्वेक्षण कराया जाएगा। इससे प्रत्येक संपत्ति का सही नक्शा तैयार होगा और मालिकाना हक का प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अक्सर संपत्तियों के स्वामित्व को लेकर विवाद सामने आते हैं। डिजिटल मैपिंग से यह स्पष्ट हो सकेगा कि किसी जमीन का असली मालिक कौन है और उस पर फिलहाल किसका कब्जा है।
10 शहरों में डिजिटल सर्वे की शुरुआत
फिलहाल इस डिजिटल सर्वे को प्रदेश के 10 शहरों में शुरू किया गया है:
- भिवाड़ी
- किशनगढ़
- ब्यावर
- सवाई माधोपुर
- जैसलमेर
- पुष्कर
- बगरू
- बहरोड़
- नवलगढ़
- नाथद्वारा
मंत्री ने कहा कि इन शहरों में सर्वेक्षण के दौरान आने वाली चुनौतियों का अध्ययन किया जाएगा और उसके आधार पर भविष्य में प्रदेश के अन्य शहरों में भी इसे लागू किया जाएगा।
राज्य सरकार के इन निर्णयों से प्रदेश में शहरी विकास और प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।