नींव की खुदाई में मिली मूर्ति मामले ने पकड़ा तुल, विवाद को लेकर मूर्ति पहुंची थाने


नींव की खुदाई में मिली मूर्ति मामले ने पकड़ा तुल।
जैन समाज को लोगों ने मूर्ति लौटाने की मांग की।
मूर्ति भगवान पार्श्वनाथ की या भगवान बुद्ध की।
शाहपुरा 24 फरवरी। तहसील क्षेत्र के शिवपुरी गांव में 7 फरवरी को भैरू लाल बैरवा के मकान के नींव की खुदाई के दौरान जैन धर्म के पार्श्वनाथ भगवान की निकली मूर्ति मामले ने तुल पकड़ लिया। सोमवार को क्षेत्र के दिगंबर जैन समाज के लोगों ने उपखंड अधिकारी भरत जयप्रकाश मीणा को ज्ञापन सौंप कर पुलिस द्वारा ले जाई गई भगवान की मूर्ति को पुनः लौटने की मांग की।
जानकारी के अनुसार 7 फरवरी को शिवपुरी ग्राम के एक मकान की नींव की खुदाई के दौरान मिली जैन धर्म भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति को उपखंड प्रशासन ने पंचनामा तैयार कर मूर्ति को शिवपुरी गांव के दिगंबर जैन मंदिर में रखवाई। 19 फरवरी को शाहपुर थाना पुलिस ने मूर्ति को अपने कब्जे में लेते हुए शाहपुरा थाने ले गई। पुलिस द्वारा मूर्ति लेजाने मामले से जैन समाज के लोगों में रोष व्याप्त हो गया। जैन समाज अध्यक्ष महावीर सोगानी, शिवपुरी के पवन कुमार, अशोक कुमार, विनोद कुमार, मोहित कुमार जैन आदि का आरोप था कि एसडीएम मीणा के निर्देशन में नींव से निकली गई मूर्ति जैन धर्माचार्य तथा तहसीलदार, पटवारी, गिरदावर की रिपोर्ट में जैन धर्म के भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति होने की पुष्टि की थी। जिसके बाद भी पुलिस मूर्ति को अपने साथ ले गई। इसे लेकर जैन समाज के लोगों में पुलिस व प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त हो गया। ज्ञापन देने के दौरान पुखराज सेठी, महेंद्र गादिया, दीपक शाह, अंकुश गादिया सहित जैन समाज के कई लोग व युवा उपस्थित थे। सभी ने एसडीएम से मूर्ति जैन समाज के लोगों को लौटने की मांग की।
विवाद को लेकर मूर्ति पहुंची थाने::
यह पसा पेच: बैरवा के घर की नींव खुदाई में निकली मूर्ति को लेकर आजाद समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष भैरूलाल रेगर व प्रचार प्रसार मंत्री मनोहर बैरवा ने इस मूर्ति को भगवान बुद्ध की बताते हुए इस पर ग्रामीणों का हक बताया। जबकि जैन समाज व जैन धर्माचार्यों ने 7 फरवरी को ही प्रशासन के सामने मूर्ति जैन धर्म की होने के सबूत देने पर ही प्रशासन ने सन्तुष्ट होकर पंचनामा में मूर्ति जैन धर्म की होना प्रदर्शित किया। बाद में इस उपजे विवाद के चलते उपखंड अधिकारी मीना के निर्देश से पुलिस ने मूर्ति को अपने कब्जे में लेते हुए थाने में रखवाई। इसे लेकर और विवाद बढ़ गया।
इस पर उपखंड अधिकारी मीणा ने मामले की जांच करवा मामले का शीघ्र निस्तारण करवाने का आश्वासन दिया।