रामनिवास धाम में गुरुकुल दीक्षा समारोह।



रामशाला में चलता है गुरुकुल आश्रम।
आश्रम में 25 ग्रामीण छात्रों को मिलरहा है निःशुल्क शिक्षा का अवसर।
गुरुकुल पवित्र स्थल है, जहां ज्ञान, संस्कार, अनुशासन और सेवा का बीज बोया जाता है- आचार्य रामदयाल
शाहपुरा 21जून-देव कृष्ण राज पाराशर। शाहपुरा के अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय की प्रधानपीठ रामनिवासधाम में शनिवार को
गुरुकुल दीक्षा समारोह धाम के पीठाधीश आचार्य रामदयाल के सानिध्य में सम्पन्न हुआ।
धाम की बारादरी गादी पर बिराजित आचार्य ने आश्रम के सभी विद्यार्थियों को गुरु दीक्षा देते हुए संबोधित किया कि गुरुकुल वह पवित्र स्थल है, जहां ज्ञान के साथ-साथ संस्कार, अनुशासन और सेवा का बीज बोया जाता है। आप केवल किताबी विद्या ही नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला भी यहां सीखेंगे। उन्होंने ख्वाकी एक सच्चा विद्यार्थी वही है जो अपने ज्ञान से समाज को प्रकाशित करता है। अपने गुरुओं का सम्मान करें, कर्तव्यों का पालन करें और अपने गांव, समाज व राष्ट्र के लिए गौरव बनें। आचार्य ने गुरुकुल में दीक्षा लेने वाले सभी विद्यार्थियों माला पहना कर आशीर्वाद देते हुए गुरु व गुरुकुल के प्रति निष्ठा व विद्या प्राप्ति की सामूहिक शपथ दिलाई।
गुरुकुल आश्रम में आधुनिक तकनीकी से पठन: गुरुकुल आश्रम से जुड़े जयशंकर पाराशर ने बताया कि रामनिवास धाम ट्रस्ट की ओर से संचालित आश्रम 5 विद्यार्थियों से प्रारंभ हुआ आज इस गुरुकुल आश्रम में 25 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है। ट्रस्ट की ओर से विद्यार्थियों निःशुल्क भोजन, आवs की भी व्यवस्था की गई है। गुरुकुल में पढ़ने वाले कक्षा 6 से 11वीं तक के विद्यार्थियों धाम की ओर से संचालित श्री रामस्नेही वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय में अध्ययन करेंगे। जहां उन्हें संस्कृत के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी से शिक्षा प्रदान की जारही है।
शाहपुरा में आचार्य रामदयाल द्वारा
गुरुकुल आश्रम की इस स्थापना को लेकर शाहपुरावासियों ने प्रशंसा करते हुए कहा की आचार्य की यह पहल ग्रामीण अंचल से आए ऐसे जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समारोह में परमेश्वर सुथार ने रामनिवास धाम ट्रस्ट और आचार्य प्रति आभार व्यक्त करते हुए खा की गुरुकुल व्यवस्था न केवल इन बच्चों के भविष्य को संवारेगी, बल्कि भारतीय संस्कृति और मूल्यों को भी अगली पीढ़ी तक पहुंचाएगी।
समारोह में संत जगवल्लभ राम, संत रामनारायण, संत नवनीतराम व कई संत, अनुयायि गुरुकुल में सेवा दे रहे जयशंकर पाराशर, दीपक सेन, सागर चावला सहित आचार्य के कई भक्त शाहपुरा के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।