मनरेगाः टांका निर्माण पर रोक, कांग्रेस का विरोध
बाड़मेर सहित रेगिस्तान वाले जिलों पर असर
जयपुर
महात्मा गांधी नरेगा योजना में व्यक्तिगत कार्य के लाभ की योजना अपना खेत अपना गांव संबंध में सरकार की ओर से नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अंतर्गत नरेगा में गांव के खेतों में बनाए जाने वाले टांका निर्माण कार्य पर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी गई है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि योजना का उद्देश्य खेतों में सिंचाई के लिए टांके के पानी का उपयोग है, जबकि यह उद्देश्य पूरा नहीं किया जा रहा। इसके कारण फिलहाल टांका निर्माण पर रोक लगा दी गई है।
ग्रामीण विकास विभाग की एसीएस श्रेया गुहा ने सभी कलेक्टरों को लिखा है कि मनरेगा में पानी के टांकों की मंजूरी नहीं दें। राज्य सरकार ने इस रोक के पीछे केंद्र सरकार के नेशनल लेवल मॉनिटर के
निर्देशों का हवाला दिया है। कहा गया है कि मनरेगा में व्यक्तिगत लाभ के कामों की मंजूरी सिंचाई के मकसद से टांका बनाने के लिए दी जाती है, जबकि बाड़मेर जिले की जांच में सामने आया कि टांकों का उपयोग सिंचाई की जगह पीने के पानी के लिए किया जा रहा है। यह मनरेगा के उद्देश्य को पूरा नहीं करता। विरोध शुरू: बाड़मेर सहित रेगिस्तान वाले जिलों में सरकार की इस नई गाइडलाइन का विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस सांसद व विधायकों ने इसे जनता के हितों पर कुठाराघात बताया है। कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी का कहना है कि पशुधन तथा कृषि तीनों महत्वपूर्ण कार्यों में ये टांके सहायक है। यह आदेश नहीं रेगिस्तान के लोगों के पीठ में खंजर घोंपने का काम है। 3.5 लाख से अधिक टांके नरेगा के माध्यम से रेगिस्तान के इन दूरस्थ क्षेत्रों में बने हैं। इन टांकों ने थार के निवासियों को एक नया जीवन दिया है।