भीलवाड़ा यूआईटी में दलाल के पास मिली सरकारी फाइल, सचिव का बड़ा एक्शन वरिष्ठ सहायक सस्पेंड
भीलवाड़ा | संवाददाता
भीलवाड़ा शहरी सुधार न्यास (यूआईटी) में उस समय हड़कंप मच गया, जब सचिव ललित गोयल ने निरीक्षण के दौरान एक दलाल को सरकारी फाइल लेकर घूमते हुए पकड़ लिया। पूछताछ में दलाल कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका, जिसके बाद सचिव ने मौके पर ही सख्त कार्रवाई करते हुए संबंधित वरिष्ठ सहायक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
कार्यालय परिसर में हुई इस घटना के बाद यूआईटी स्टाफ में खौफ का माहौल है। सचिव गोयल ने साफ कहा कि “इस तरह की लापरवाही और बाहरी व्यक्तियों की दखल किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
निरीक्षण के दौरान खुला मामला
गुरुवार को यूआईटी सचिव ललित गोयल नियमित निरीक्षण पर निकले थे। तभी उनकी नजर एक व्यक्ति पर पड़ी, जो हाथ में सरकारी फाइल लेकर घूम रहा था। शक होने पर सचिव ने तुरंत उसे रोका और पूछताछ की।
वह व्यक्ति जवाब देते हुए हिचकिचाने लगा और कुछ देर बाद फाइल वहीं छोड़कर चला गया।
जब सचिव ने फाइल की जांच की, तो पता चला कि वह फाइल नियमन शाखा से ली गई थी। सचिव ने तुरंत शाखा के वरिष्ठ सहायक नरेश खटीक से जवाब मांगा, लेकिन संतोषजनक उत्तर न मिलने पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
सस्पेंशन ऑर्डर में क्या लिखा है
आदेश में कहा गया है कि “नियमन शाखा में कार्यरत वरिष्ठ सहायक नरेश खटीक ने शाखा की पत्रावली एक प्राइवेट व्यक्ति को सौंप दी, जो नियमों के विपरीत है। इस कृत्य को अनुशासनहीनता मानते हुए उनके खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा नियम 16 के तहत कार्रवाई की जाएगी।”
निलंबन के दौरान नरेश खटीक का मुख्यालय नगरीय विकास विभाग, जयपुर रहेगा और उन्हें नियमों के अनुसार आधा वेतन मिलेगा।
सेक्रेटरी बोले— “लापरवाही बर्दाश्त नहीं”
यूआईटी सचिव ललित गोयल ने कहा —
“इंस्पेक्शन के दौरान एक व्यक्ति को फाइल लेकर घूमते देखा। पूछताछ में उसने कुछ नहीं बताया और फाइल रखकर चला गया। जब नियमन शाखा से पूछा तो कोई जवाब नहीं मिला। मामला संदिग्ध लगा, इसलिए संबंधित कर्मचारी को सस्पेंड किया गया है। इस तरह की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
कार्यालय में मचा हड़कंप
यूआईटी सचिव की सख्त कार्रवाई के बाद पूरे कार्यालय में चर्चा शुरू हो गई। कई कर्मचारियों ने कहा कि यह कदम कार्यालय के अनुशासन के लिए सही है। वहीं कुछ कर्मचारियों ने सवाल उठाया कि “जिस दलाल के पास फाइल मिली, उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?”
कर्मचारियों का कहना है कि यदि ऐसे बाहरी लोगों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी, तो फाइलों से छेड़छाड़ और दलाली के मामले बढ़ सकते हैं।
भविष्य के लिए सख्त निर्देश
यूआईटी प्रशासन ने सभी शाखाओं को लिखित निर्देश दिए हैं कि किसी भी परिस्थिति में सरकारी फाइल या रिकॉर्ड बाहरी व्यक्ति को न दिया जाए। सचिव ने कहा कि अब किसी भी शाखा में बाहरी व्यक्ति की दखल मिली तो संबंधित कर्मचारी पर तत्काल निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।