जनप्रतिनिधि विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की बेहतर समझ के साथ ग्राम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक हो सकते हैं। पंचायती राज के अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही गांव के वार्ड पंचों के लिए भी क्वालिटी टे्रनिंग के विशेष मॉड्यूल्स तैयार किए जाने जरूरी हैं। पंचायती राज विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने मंगलवार को पंचायती राज सभागार में आयोजित बैठक में

जनप्रतिनिधि विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की बेहतर समझ के साथ ग्राम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक हो सकते हैं। पंचायती राज के अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही गांव के वार्ड पंचों के लिए भी क्वालिटी टे्रनिंग के विशेष मॉड्यूल्स तैयार किए जाने जरूरी हैं।  पंचायती राज विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने मंगलवार को पंचायती राज सभागार में आयोजित बैठक में
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*योजना के लक्ष्यों को पूरा करने में उपयुक्त प्रशिक्षण आवश्यक

-शासन सचिव, पंचायती राज*

आवाज राजस्थान की
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जयपुर, 14 जून। जनप्रतिनिधि विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की बेहतर समझ के साथ ग्राम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक हो सकते हैं। पंचायती राज के अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही गांव के वार्ड पंचों के लिए भी क्वालिटी टे्रनिंग के विशेष मॉड्यूल्स तैयार किए जाने जरूरी हैं।

पंचायती राज विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने मंगलवार को पंचायती राज सभागार में आयोजित बैठक में यह बात कही। श्री जैन राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना (पुनर्निमित) की वार्षिक योजना तैयार किए जाने के सम्बन्ध में स्टेट एक्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अक्सर प्रशिक्षण को औपचारिक रूप से आयोजित किया जाता है, जबकि हर योजना की सफलता उसके सम्बन्ध में प्रशिक्षण के माध्यम से सही जानकारी से ही सुनिश्चित होती है।

श्री जैन ने कहा कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना में पंचायती राज संस्थाओं को क्षमता संवर्धन एवं प्रशिक्षण के माध्यम से मजबूती प्रदान किए जाने पर सबसे अधिक जोर दिया गया है। उन्होंने यूनिसेफ और अरावली के प्रतिनिधियों को नवाचारों के साथ प्रशिक्षण मोड्यूल विकसित करने को कहा। इसी प्रकार उन्होंने नवाचार के रूप में पूर्व निर्मित पैनोरमा के साथ हाट बाजार मय कम्प्यूनिटी स्वच्छता परिसर विकसित करने, राजीविका स्वयं सहायता समूहों के साथ प्रशिक्षण जैसे नवाचारों के सुझाव दिये।

श्री जैन ने निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण का एक कलैण्डर तैयार किया जाए। यथासंभव दो से तीन प्रशिक्षणों को क्लब कर दिया जाए जिससे कम व्यय में अधिक लोगाें को प्रशिक्षित किया जा सकेेगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के कन्टेन्ट पर भी समुचित ध्यान दिया जाए और लक्ष्य समूह को ध्यान में रखकर गुणवत्ता वाला कन्टेन्ट तैयार किया जाए। साथ ही मास्टर टे्रनर्स या प्रशिक्षकों का चुनाव भी सावधानीपूर्वक किया जाए और नेगेटिव फीडबैक वाले प्रशिक्षकों को पुनः मौका नहीं दिया जावे।

शासन सचिव ने समिति को आरजीएसए योजना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए योजनान्तर्गत क्षमता संवर्धन एवं प्रशिक्षण एवं अन्य गतिविधियों, संस्थानिक ढांचा, डिस्टेंस लनिर्ंंग, सेटकॉम, पंचायत इन्फ्रास्ट्रचर सपोर्ट, प्रोजेक्ट मेनेजमे यूनिट्स, पेसा क्षेत्र में ग्राम सभाओं को विशेष सहायता, ई अनेबलेमेंट, नवाचार गतिविधियों आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में कृषि, आयोजना, ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, तकनीकी शिक्षा, महिला एंव बाल विकास, प्रारम्भिक शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, युवा मामले एवं खेल विभाग, वित्त, इंदिरागांधी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सहित अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
विजय कुमार पाराशर
आवाज राजस्थान की
9414302519


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