पंचायत समिति अजमेर ग्रामीण की सधारण सभा प्रधान सीमा रावत की अध्यक्षता में हुई सम्पन्न सभी जनप्रतिनिधियों को साथ में लेकर कराएंगे विकास कार्य-प्रधान
अजमेर (ARK News)। पंचायत समिति अजमेर ग्रामीण की साधारण सभा प्रधान सीमा रावत की अध्यक्षता में रीट सभागार में आयोजित की गई। सभा में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में महात्मा गाँधी नरेगा योजना के वार्षिक प्लान का अनुमोदन किया गया। विकास अधिकारी विजय सिंह चौहान ने बताया कि बैठक के दौरान विभिन्न विभागों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा कर समाधन के निर्देश दिये गये। पंचायत समिति प्रधान सीमा रावत ने बैठक में ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के नहीं आने को गम्भीरता से लेते हुए नाराजगी प्रकट करते हुए उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु निर्देश दिए।
प्रधान सीमा रावत ने बैठक के दौरान कहा कि राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देश है कि अधिकारी साधारण सभा में अनिवार्य रूप से शिरकत करें। इसके बावजूद अधिकारी साधारण सभा नहीं आते हैं तो ऐसे अधिकारियों की सूची बनाकर जिला कलक्टर को भिजवाई जाये। प्रधान रावत ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों के साथ में लेकर विकास कार्य करवाये जायें। बैठक में शिक्षा विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, रोड़वेज, कृषि, महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, सहकारिता, पंचायतीराज, रसद विभाग सहित अन्य विभागों पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रामलाल जाट ने कहा कि ग्रामीणों को न्याय दिलाना ग्राम पंचायतों की प्राथमिकता होनी चाहिए। लोक अदालतें विवादों का सदैव के लिए अंत कर देती है। इससे समाज में शांति का वातावरण बनता है।
उन्होंने कहा कि पंच व सरपंच ग्रास रूट पर लोगों की समस्याओं व उनके विवादो के मूल कारण समझते है। समाज में शांति स्थापित करने व न्याय दिलाने का प्रथम दायित्तव भी पंच व सरपंचों पर है। ग्राम स्वराज्य की संकल्पना तभी पूरी हो सकती है जब गांव अपने स्तर पर सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक न्याय प्राप्त करने में सफल हो।
बैठक में जिला परिषद सदस्य महेंद्र सिंह मझेवला, श्रीलाल तंवर, पंचायत समिति सदस्य अरुणा टाँक, हंसराज वैष्णव, सरपंच राजेन्द्र गैना ने विभिन्न जन समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया।
समझाइश के लिए शिविर लगेेंगे
प्रत्येक पंचायत समिति मुख्यालय पर 16 अक्टूबर व छह नवम्बर से संबंधित पंचायत सेवा समिति के क्षेत्राधिकार में प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के लिए डोर स्टेप काउंसलिंग कैम्प होंगे। तहसील या उप-तहीली पर 30 अक्टूबर व 8 नवम्बर को भी डोर स्टेर काउंसलिंग कैम्प होंगे। इस दौरान मेगा विधिक चेतना शिविर भी लगाया जाएगा।
चौपाल का ही परिष्कृत रूप है ‘लोक अदालतÓ
जाट ने कहा कि चौपाल के जरिए लोगों के विवादों को निपटाया जाता था। उसी प्रकार ग्राम पंचायतों में पंच परमेश्वर धारणा को कायम किए जाने के लिए पंच-सरपंच क्षेत्र की जनता के लिए राजीनामा योग्य सिविल, रेवेन्यु, राजीनामा योग्य फौजदारी मामलों को सुलह व समझाईश से निपटा सकते हैं। जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचा सकते है।