जेल सजा का स्थान नहीं, यह सुधार और पुनर्वास का माध्यम है – एडीजे



न्यायाधीश ने शाहपुरा कारागार का किया निरीक्षण।
व्यवस्थाओं का लिया जायजा।
जेल सजा का स्थान नहीं, यह सुधार और पुनर्वास का माध्यम है – एडीजे
शाहपुरा, 10 जनवरी। शुक्रवार को उपकारागृह में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश (एडिजे) सानिया हाशमी और बोर्ड ऑफ विजिटर्स ने जेल का निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य जेल में छुआछूत की स्थिति की जांच करना, प्रशासन की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन करना, बंदियों की स्थिति का आकलन करना और जेल में उपलब्ध सुविधाओं एवं सुधार कार्यक्रमों की प्रगति का जायजा लेना था।
निरीक्षण के दौरान बोर्ड ऑफ विजिटर्स के सदस्य उपखंड अधिकारी भरत मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश आर्य, जिला चिकित्सा के प्रभारी डॉ अशोक जैन, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी शहजाद और पीडब्ल्यूडी के प्रतिनिधि मुकेश भी उपस्थित रहे।
एडिजे सानिया हाशमी ने कहा, जेल केवल सजा देने का स्थान नहीं है, बल्कि यह सुधार और पुनर्वास का माध्यम है। जेल प्रशासन का प्रयास सराहनीय है, लेकिन बंदियों की भलाई और सुधार के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण जेल प्रशासन की पारदर्शिता और सुधार प्रयासों का प्रतिबिंब है।
तालुका सचिव शिवराज धाकड़ ने बताया कि निरीक्षण के दौरान एडीजे हाशमी ने नये बंदियों की काउंसलिंग की और सभी बंदियों को निशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी प्रदान की। इस दौरान कैदियों के भोजन की गुणवत्ता, समय पर आपूर्ति और पोषण स्तर की जांच की गई। आवास कक्षों की स्वच्छता और वेंटिलेशन की स्थिति का भी निरीक्षण किया।
डॉ अशोक जैन ने कैदियों की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की जांच की और परामर्श देते हुए सेवाएं प्रदान की।
अंत में एडीजे ने निरीक्षण के दौरान जेल प्रभारी प्रहलाद गुर्जर को जेल सुविधाओं में सुधार और पुनर्वास के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए सकारात्मक कदम उठाने पर जोर दिया।
इस दौरान जेल प्रभारी प्रहलाद गुर्जर, तालुका सचिव शिवराज धाकड़, पीएलवी अभय गुर्जर, मिश्रिलाल तेली और अन्य जेल कर्मचारी भी उपस्थित रहे।