मनरेगा घोटाला: रिकवरी रोकने के बदले रिश्वत लेते पकड़ा गया अधिकारी

प्रतापगढ़ | जिला मुख्यालय की एसीबी टीम ने शुक्रवार दोपहर को नेशनल हाइवे-56 के पास एक चाय की दुकान से 4 हजार की रिश्वत लेते हुए सामाजिक लेखा परीक्षा एवं जवाबदेही पारदर्शिता सोसायटी बीआरपी कन्हैयालाल को रंगे हाथ पकड़ा है। इससे कुछ ही दूरी पर मौजूद सामाजिक लेखा परीक्षा एवं जवाबदेही सोसायटी के जिला डीआरपी संजय सिंह भी मौजूद था, जिसे एसीबी ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा के निर्देशन में जिले में टीम ने यह कार्रवाई की है। प्रतापगढ़ एसीबी के एएसपी विक्रम सिंह ने बताया कि प्रार्थी द्वारा कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाकर बताया कि ग्राम पंचायत रामपुरिया में मनरेगा के विकास कार्यों में रिकवरी नहीं निकालने की एवज में 15 हजार रुपए रिश्वत मांगकर परेशान किया जा रहा है।
एसीबी की बीआरपी कन्हैयालाल पूरे जिले से करता था वसूली
एसीबी की गिरफ्त में आए कन्हैयालाल ने एसीबी टीम को बताया कि वह डीआरपी संजय सिंह के कहने पर पूरे जिले से ग्राम पंचायत में ऑडिट के नाम पर उनकी रिपोर्ट को पॉजिटिव दिखाने के लिए वसूली करता था। जिला संसाधन अधिकारी संजय सिंह हाल ही में 3 महीने पूर्व जिले में लगा है, इससे पहले वह कोटा और उदयपुर में अपनी सेवाएं दे चुका हैं। पूछताछ में यह भी सामने आया कि यह अपने ब्लॉक के अलावा, टीम ने 4 एवं 5 फरवरी को 6 हजार की राशि लेते हुए सत्यापन करवाया, इसके बाद शुक्रवार दोपहर को आरोपी ने पीड़ित से रिश्वत राशि की मांग की। टीम ने कार्रवाई करते हुए बीआरपी (ब्लॉक संसाधन कार्मिक) को पकड़ा अन्य ब्लॉकों से भी अच्छी रिपोर्ट बनाकर भेजने के नाम पर बीआरपी कन्हैयालाल ग्राम पंचायत से रुपए की मांग करता था, यह डीआरपी संजय सिंह का खास और करीबी था। मामले में बीआरपी बापूलाल के नाम का भी खुलासा हुआ है, यह भी पंचायत में ऑडिट रिपोर्ट के नाम पर रुपए लेता था, जिस समय एसीबी ने बीआरपी को पकड़ा, उस समय डीआरपी संजय सिंह भी कुछ ही दूरी मौजूद था। पता चलने पर टीम ने संजय सिंह को हिरासत में लिया। फिलहाल अभी बीआरपी बापूलाल टीम की हिरासत से बाहर है।
है। इस मामले में जिला डीआरपी अधिकारी सहित एक और बीआरपी अधिकारी का भी नाम सामने आया है। ये ग्राम पंचायतों में पहुंचकर उनकी अच्छी रिपोर्ट बनाने के नाम पर रिश्वत मांग करते थे।