ब्लैक-डे 28 फरवरी को, महापड़ाव के तहत ग्राम, वार्डवाइज दिए जाएंगे धरने, होंगे प्रदर्शन।

जिला बचाओ आंदोलन।

कलाल समाज ने दिया धरना।

आंदोलन को लेकर विधायक व संघर्ष समिति में द्विपक्षीय वार्ता हुई।
बजट सत्र में प्रभावी पैरवी होगी तो होगी आगे वार्ता।
शाहपुरा, 13 फरवरी। जिले का दर्जा पुनः दिलाने की मांग को लेकर गुरुवार को जिला बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में मेवाड़ा कलाल समाज के लोग पवन कुमार बसेर आदि प्रभुत्व जनों की अगुवाई में उपखंड कार्यालय के बाहर धरने बैठे। जिले को समाप्त करने के विरोध में लोगों ने रैली निकाल कर प्रदर्शन किया। राज्यपाल से शाहपुरा को वापस जिले का दर्जा देने की मांग को लेकर उपखंड अधिकारी भरत जयराज मीणा को राज्यपाल के नाम मांग पत्र सौंपा।
संघर्ष समिति महासचिव कमलेश मुंडेतिया ने बताया कि धरने पर बैठे मेवाड़ा कलाल समाज के पवन बसेर, अरुण चौधरी, अशोक चौधरी, आशीष चौधरी, नवीन चौधरी, हेमलता बसेर, कमलेश मेवाड़ा, शकुंतला चौधरी सहित कई समाज जन ने सभा को संबोधित करते हुए का कहा कि जिले को समाप्त करने से शाहपुरा का विकास एवं रोजगार के अवसर घटने लगे अतः सरकार को गंभीरता से विचार कर शाहपुरा को पुनः जिले का दर्जा प्रदान कर क्षेत्रवासियों को विकास के नए आयामों से जोड़ना चाहिए ताकि क्षेत्र वासियों को पलायन करने से रोका जा सके।
ब्लैक-डे 28 फरवरी को, महापड़ाव के तहत ग्राम, वार्डवाइज दिए जाएंगे धरने, होंगे प्रदर्शन :- संघर्ष समिति अध्यक्ष दुर्गा लाल राजौरा के अनुसार 28 फरवरी ब्लैक डे के रूप में मनाते हुए आंदोलन को अब तेज गति देने के लिए महापड़ाव के तहत सामाजिक संगठनों और समाजों के साथ-साथ ग्राम पंचायत एवं नगर परिषद से समस्त वार्डों में वार्डवाइज धरना प्रदर्शन करने के निर्णय पर बैठक में सहमति हुई। जिसकी रूपरेखा तैयार करने तथा रणनीति बनाने को लेकर समिति ने इसकी जिम्मेदारी सदस्य राजेंद्र बोहरा, हाजी उस्मान मोहम्मद छिपा, रामेश्वर सोलंकी, संदीप जीनगर, उदय लाल बेरवा, सत्यनारायण पाठक, ताजुद्दीन, प्रवीण कुमार, दीपक बेरवा, विजय ट्रेलर, अविनाश शर्मा को दी गई।

बजट सत्र में प्रभावी पैरवी होगी तो दूसरे चरण की होगी वार्ता वरना आंदोलन सतत् जारी रहेगा:– विगत 43 दिन से चल रहे आंदोलन को समाप्त करने को लेकर विधायक लालाराम बैरवा ने संघर्ष समिति के सामने द्विपक्षीय वार्ता करने के लिए किए आग्रह के तहत विधायक प्रतिनिधि मंडल व आंदोलनकारियों के बीच एक अहम बैठक हुई। अध्यक्ष राजौरा, संयोजक रामप्रसाद जाट, त्रिलोकचंद नौलखा, नमन ओझा, अंकित शर्मा, अविनाश शर्मा आदि सदस्यों ने विधायक प्रतिनिधि मंडल के सदस्य नगर परिषद सभापति रघुनंदन सोनी, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कन्हैयालाल धाकड़, पूर्व प्रधान गोपाल गुर्जर, पंकज सुगंधी, बजरंग सिंह राणावत, शिवराज कुमावत, अविनाश जीनगर के सामने जोर देते हुए बात रखी कि आगामी विधानसभा बजट सत्र में विधायक शाहपुरा जिले की पुन बहाली की प्रभावी पैरवी के साथ पूर्ण तथ्यों और आंकड़ों के साथ विधानसभा में रखेंगे तो दूसरे चरण की वार्ता होगी अन्यथा आंदोलन सतत् रूप से जारी रहेगा। अंत में लंबे समय से चल रहे आंदोलन को विधायक अपने राजनीतिक दबाव से प्रभावित नहीं करेंगे इस मुद्दे पर सहमति बनी है।
14 फरवरी को विश्वकर्मा पांचाल लोहार समाज के लोग धरने पर बैठेंगे।