विधानसभा में जिले की बहाली की मांग कमजोर, जनता में रोष।


विधायक का आभार भी जताया और कोसा भी।
आंकड़ों, मापदंडों के साथ पैरवी नहीं करने का आरोप।
शाहपुरा, 25 फरवरी। शाहपुरा जिला समाप्ति को लेकर विधानसभा क्षेत्र के विधायक लालाराम बैरवा द्वारा मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में शाहपुरा जिले की पुनः बहाली, सीमांकन के विस्तार, रोजगार के आयाम बढ़ाने की मांग सदन में रखी। यह वीडियो वायरल होने को लेकर विधायक द्वारा पुरजोर तरीके से सदन में मांग नहीं रखने को लेकर क्षेत्र की जनता में विधायक के प्रति रोष व्याप्त हो गया। विकास लुहार, सोनू चौधरी, नंदकिशोर नायक, राकेश लोहार, भागचंद लोहार सहित क्षेत्र वासियों का आरोप था कि विधायक बैरवा सदन में 11 मिनिट बोलते हुए शाहपुरा जिले की में बहाली की मांग जानबूझ कर समय समाप्त होते हुए अंत में रखी यह सुनियोजित था। आम जनता का आरोप यह भी था कि जिस विधायक को क्षेत्रवासियों ने क्षेत्र से 60 हजार मतों से जीताकर विधानसभा में भेजा। हमारे विधायक जिले की बहाली की मांग रखते रखते सदन ने बिठा दिया और आगे बोलने नहीं दिया। यह हमारे विधायक बैरवा की बेइज्जती नहीं हुई पूरी विधानसभा क्षेत्रवासियों की तौहीन हुई।
आंकड़ों व मापदंडों के साथ पैरवी नहीं करने पर उठाए सवाल: विधानसभा आज के सत्र में विधायक बैरवा द्वारा शाहपुरा जिले की बहाली को लेकर रखे गए प्रश्न के लिए जिला बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक राम प्रसाद जाट व संघर्ष समिति के पदाधिकारियों, सदस्यों ने विधायक का आभार जताया। साथ ही सदस्यों ने कहा कि विधायक ने जिले रहने के लिए आंकड़े व मानदंडों को संपूर्ण तौर तरीके से सभा पटल के सामने नहीं रखने से विधायक की मंशा पर कई सवाल खड़े हो गए। सभी का आरोप था कि विधायक ने अपने बोलने का समय सरकार की महिमा मंडल करने में , बजट का बखान करने में, पूर्ववर्ती सरकार को कोसने में तथा शाहपुरा क्षेत्र में बढ़ती चोरी की घटनाओं को लेकर क्षेत्र में सीसी कैमरे लगाने की मांग सदन से करते अपने बोलने का सारा समय ही व्यतीत कर दिया और अंत में जिले की मांग रखते रखते समय ही समाप्त होने से विधायक को बोलने से रोक दिया। यह हमारे शाहपुरा का दुर्भाग्य रहा।