नवसृजित पंचायतों में गांवों को जोड़ने पर विरोध, ग्रामीणों ने जताई आपत्ति

ब्यावर। पंचायत पुनर्गठन के तहत गांवों को नवसृजित ग्राम पंचायतों में शामिल करने के प्रस्तावों पर ग्रामीणों का विरोध तेज़ हो गया है। अजमेर जिले के विभिन्न गांवों के निवासियों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर अपने-अपने गांवों को पूर्ववर्ती ग्राम पंचायत में ही यथावत रखने की मांग की है।
रेलमाल कल्ला को रूपनगर में जोड़ने पर जताई आपत्ति
ग्राम पंचायत फतहगढ़ सल्ला के अंतर्गत आने वाले ग्राम रेलमाल कल्ला को नवसृजित पंचायत रूपनगर में शामिल करने के निर्णय के विरुद्ध ग्रामीणों ने कड़ा विरोध जताया है। प्रशासक आमना काठात व शहाबुद्दीन के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि रेलमाल कल्ला ग्राम पंचायत फतहगढ़ सल्ला का आंशिक भाग है और वर्षों से प्रशासनिक दृष्टि से इसी पंचायत से जुड़ा हुआ है। ऐसे में इसे किसी नई पंचायत में जोड़ना अनुचित है।
विरोध जताने वालों में विरेन्द्र सिंह, युवराज सिंह, लक्की सिंह, देवीसिंह, मनीष सिंह, छोटू, निरंजन सिंह, रासासिंह, सुनिल सिंह, सुरेन्द्रसिंह, आजाद सिंह, दयालसिंह, शंकरसिंह, राहुल, शिवराज, राकेश, बीरम, त्रिलोक, सोहन सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
चढ़ावटा व काशीपुरा के ग्रामीणों ने भी उठाई आवाज़
इसी तरह, चढ़ावटा गांव के ग्रामीणों ने भी ब्यावर पहुंचकर पुनर्गठन के खिलाफ ज्ञापन सौंपा और ग्राम को यथावत रखने की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि बिना उचित जनसुनवाई और सर्वे के गांवों को दूसरी पंचायतों में जोड़ने से प्रशासनिक समस्याएं बढ़ेंगी।
ग्राम काशीपुरा, जो वर्तमान में ग्राम पंचायत देवपुरा का हिस्सा है, को नवसृजित पंचायत मोयना में जोड़ने का प्रस्ताव भी विवाद का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि देवपुरा मुख्यालय काशीपुरा से केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि मोयना मुख्यालय लगभग 7 किलोमीटर दूर है। इससे ग्रामीणों को सरकारी सुविधाओं तक पहुंचने में कठिनाई होगी।
ज्ञापन सौंपने वालों में पप्पू, रमज़ान, हुसैन, नौरत, पदम काठात, कल्ला, घीसा, लक्ष्मण, माला, इस्लाम, किशना, जलाल, रहमान सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।