बीजेपी प्रशिक्षण शिविर में सीएम भजनलाल अंतिम पंक्ति में बैठे, बोले- “मैं भी एक आम विधायक हूं”

Awaz Rajasthan Ki। भारतीय जनता पार्टी के विधायकों और सांसदों के लिए गुजरात के केवड़िया में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन राजनीतिक अनुशासन, सुशासन और विचारधारा आधारित सत्रों का आयोजन हुआ। लेकिन सबसे चर्चित दृश्य रहा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का, जो पूरे दिन आखिरी पंक्ति में सामान्य विधायक की तरह बैठे नजर आए।
शिविर में मुख्यमंत्री को मंच पर अथवा अग्रिम पंक्तियों में बैठने का आग्रह किया गया, लेकिन उन्होंने विनम्रतापूर्वक इनकार कर दिया। वे तीनों सत्रों में आम कार्यकर्ता और विधायक की तरह भागीदार बने रहे। वहीं उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल मंचासीन रहे।

तीन सत्रों में हुआ वैचारिक और रणनीतिक मंथन
पहला सत्र: ‘विकसित राजस्थान’ की दिशा में योजनाएं
सत्र की शुरुआत केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के संबोधन से हुई, जिन्होंने “राजस्थान के संदर्भ में मोदी सरकार की परिवर्तनकारी नीतियां” विषय पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे केंद्र सरकार की योजनाएं राज्य के विकास की रीढ़ बन सकती हैं और विधायकों को इन्हें स्थानीय स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
दूसरा सत्र: वैचारिक स्पष्टता और विपक्ष से सावधानी
दूसरे सत्र में राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री शिव प्रकाश ने भाजपा और विपक्षी दलों के बीच वैचारिक भिन्नता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को अन्य दलों की विघटनकारी नीतियों से सतर्क रहना चाहिए और संगठन के मूलभूत सिद्धांतों—राष्ट्रवाद, सेवा और समग्र विकास—को आत्मसात करना चाहिए।
तीसरा सत्र: सोशल मीडिया और विमर्श निर्माण
तीसरे सत्र का नेतृत्व राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने किया। विषय था “सोशल मीडिया एवं विमर्श निर्माण में हमारी भूमिका”। उन्होंने सोशल मीडिया को विचार निर्माण का सशक्त माध्यम बताते हुए कहा कि आज राष्ट्रीय भावना और संगठन की छवि को मजबूत करने में डिजिटल प्लेटफॉर्म की निर्णायक भूमिका है।
जेपी नड्डा की चेतावनी: ठेकेदारों से दूरी रखें
शिविर के उद्घाटन सत्र में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी विधायकों और सांसदों को व्यक्तिगत हितों और ठेकेदारों के प्रभाव से दूर रहने की सख्त सलाह दी थी। उन्होंने कहा था—
“जिन लोगों से आप 24 घंटे घिरे रहते हैं, वे चुनावी तौर पर मददगार नहीं होते। पार्टी के मूल वोटर की नाराजगी गंभीर होती है। उनसे संपर्क बनाए रखें।”
राजनीतिक संदेश: अनुशासन और ज़मीन से जुड़ाव
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अंतिम पंक्ति में बैठना न केवल राजनीतिक विनम्रता का संकेत था, बल्कि पार्टी में अनुशासन और समानता की संस्कृति को दर्शाता है। यह संकेत भी साफ है कि भाजपा नेतृत्व, सत्ता में रहकर भी ज़मीनी जुड़ाव और संगठनात्मक मर्यादाओं को सर्वोच्च मानता है।