मेघवाल ने दिया संघर्ष समिति को समर्थन।

कहा सरकार ने दुर्भावनावश किया जिला समाप्त।

शाहपुरा, 19 फरवरी। पूर्व विधानसभाध्यक्ष व शाहपुरा के पूर्व विधायक कैलाश मेघवाल ने बुधवार को एक वीडियो जारी किया। जिसमें शाहपुरा जिले को पुनः जिले का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में चल रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि विधायक रहते मैंने रियासतकालीन शाहपुरा के इतिहास, अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के तीर्थस्थल, भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले शाहपुरा के क्रांतिकारी वीरों, क्षेत्र की जलवायु, भौगोलिक स्थिति का हवाला देते हुए सरकार के समक्ष शाहपुरा को जिला बनाने की पुरजोर पैरवी की उसी के परिणाम स्वरूप गहलोत सरकार द्वारा बनाई गई चार कमेटियों की सिफारिश के कारण गहलोत सरकार ने बजट घोषणा में शाहपुरा को जिले का दर्जा दिया। मेघवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने दुर्भावनावश शाहपुरा जिले को खत्म किया जो अनुचित है।
मेघवाल ने कहा कि अभी जो चार जिले रखे हैं उनमें से शाहपुरा जिला बनने की अपने आप में पात्रता रखता है।
तथ्यात्मक रिपोर्ट यह है: तथ्यात्मक आंकडे बताते हुए मेघवाल ने बताया कि अभी रहे जिले में खैरतल- तिजारा का क्षेत्रफल 1958 वर्ग किमी, डीग का 2154 किमी, सलूंबर का 2523 किमी, कोटपूतली बहरोड़ का 2871 किमी है जबकि शाहपुरा 3814 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है और सबसे बड़ा क्षेत्रफल है। जनसंख्या के दृष्टि से देखे तो सलूंबर में 6.06 लाख की आबादी, फलौदी में 7.39 लाख जबकि शाहपुरा जिले की जनसंख्या 7.97 लाख है।
उन्होंने यह भी बताया कि शाहपुरा जिले में दो विधानसभा, 5 उपखंड, 6 तहसील, 5 उप तहसील, 4 पंचायत समिति, एक नगर परिषद, एक नगर पालिका, 125 ग्राम पंचायते, 657राजस्व ग्राम, 36 भू-अभिलेख निरीक्षक, 154 पटवार सर्कल, एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय, 3 पुलिस उपाधीक्षक, 11 पुलिस थाने तथा जिला परिवहन विभाग, जिला चिकित्सालय होने के बावजूद भी सरकार ने गलत तौर तरीकों, गलत नीतियां अपनाकर शाहपुरा जिले का दर्जा खत्म किया यह दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। सरकार ने क्षेत्र को 10 साल पीछे धकेलते हुए विकास के आयाम से दूर कर दिया।
अंत में मेघवाल ने कहा कि शाहपुरा को यथावत जिला बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति का मैं पुरजोर समर्थन करता हूं। इससे पूर्व संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधि मंडल ने मेघवाल से मुलाकात की। जिन्हें स्मारन देने का पूरा भरोसा दिलाया।