राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ जिला शाखा अजमेर ने मंत्री के नाम सौपा ज्ञापन

राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ जिला शाखा अजमेर ने मंत्री के नाम सौपा ज्ञापन
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( ज्ञापन – ) ग्रामीण क्षेत्र में निरंतर एवं संपूर्ण स्वच्छता में आ रही तकनीकी एवं व्यावहारिक जटिलताओं का निराकरण करवाने बाबत |
उपरोक्त विषयान्तर्गत निवेदन है कि आपकी भावना अनुरुप ग्रामीण क्षेत्र में निरंतर एवं संपूर्ण स्वच्छता ग्राम विकास अधिकारी संवर्ग की भी वर्षों से सर्वोच्च प्राथमिकता है। केंद्रीय एवं राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों में भी निरंतर एवं संपूर्ण स्वच्छता को शीर्ष स्थान प्रदान किया गया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्वच्छता के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध है। उस राशि का उपयोग ग्रामीण कार्य निर्देशिका एवं राजस्थान उपापन नियमों के अंतर्गत ही किया जा सकता है।
राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ विगत 10 वर्षों से स्वच्छता की दरें एवं प्रक्रिया निर्धारित करवाने के लिए संघर्षरत है। इस संबंध में संगठन की मांग पर दिनांक 05.11.2015 तथा 16.11.2015 को शासन सचिव एवं आयुक्त पंचायती राज विभाग के द्वारा प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टर्स को बीएसआर दरें निर्धारित करने के लिए निर्देशित भी कर दिया गया था लेकिन उन पर किसी भी जिले में 10 वर्षों तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
मंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता ग्रामीण क्षेत्र में निरंतर एवं संपूर्ण स्वच्छता है। मंत्री के निरंतर 1 वर्ष के प्रयासो से पहली बार बीएसआर दरें निर्धारित हुई एवं बड़ी संख्या में टेंडर भी हुए हैं, लेकिन इसके उपरांत भी अभी तक बहुत अधिक तकनीकी एवं व्यावहारिक जटिलताएं हैं जिनके कारण निरंतर एवं संपूर्ण स्वच्छता सुनिश्चित होने में बहुत अधिक समस्याएं उत्पन्न हो रही है। इन समस्याओं का निराकरण नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता सुनिश्चित नहीं हो रही है ।
ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता के लिए ग्राम विकास अधिकारी के साथ ही ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति के समस्त अधिकारी, कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधि समान रूप से उत्तरदायी है। ऐसे में मंत्री के द्वारा फील्ड विजिट के दौरान ग्राम विकास अधिकारी संवर्ग, जो कि स्वच्छता का ध्वजवाहक है, के विरुद्ध ही दंडात्मक कार्यवाही करने से प्रदेश के ग्राम विकास अधिकारियों में भारी निराशा व्याप्त हो रही है ।
अतः आपसे अनुरोध है कि निम्नलिखित तकनीकी एवं व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करवा कर पंचायती राज की त्रिस्तरीय संस्थाओं के समस्त अधिकारी / कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को प्रोत्साहित करने का श्रम करे जिससे कि संपूर्ण और निरंतर स्वच्छता सुनिश्चित हो सके तथा जब तक तकनीकी एवं व्यावहारिक समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता है तब तक किसी भी कर्मचारी / अधिकारी पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं करने का श्रम करें।
तकनीकी एवं व्यावहारिक जटिलताओं का विवरण

घर-घर कचरा संग्रहण के लिए एक भी संवेदक द्वारा वाहन उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है एवं बहुत अधिक प्रयासों के बाद भी ग्राम पंचायत घर-घर कचरा संग्रहण नहीं करवा पा रही है। अतः इस संबंध में संपूर्ण प्रदेश में कचरा संग्रहण के लिए संसाधन उपलब्ध करवाने का श्रम करें।

1- स्वच्छता के लिए पंचायत समिति स्तर से निविदाएं आमंत्रित की गई है जिनमें अधिकांश निविदा दाता ऐसे हैं जिनके द्वारा पूर्व में स्वच्छता से संबंधित कोई कार्य किया ही नहीं गया है, ना ही उनके पास सफाई करने वाले नियमित श्रमिक है एवं ना ही प्रतिदिन घर-घर कचरा संग्रहण के लिए वाहन हैं।
कुछ पंचायत समितियों में तो एक ही फर्म के द्वारा 5 से 10 ग्राम पंचायतो यहां तक की संपूर्ण पंचायत समिति के ही टेंडर ले लिए गए हैं और उनके द्वारा कार्य भी नहीं किया जा रहा है। ग्राम पंचायत प्रशासन के द्वारा इन संवेदकों को निरंतर मौखिक एवं नोटिस देकर स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए कहा जा रहा है लेकिन इनके द्वारा सफाई नहीं करवाई जा रही है। ऐसे में नियमित सफाई नहीं हो रही है। यह व्यावहारिक एवं सबसे बड़ी समस्या है। इसके समाधान के बिना निरंतर सफाई करवाया जाना बहुत मुश्किल है ।

2- मंत्री के द्वारा विगत 1 वर्ष से दिए जा रहे निर्देशों एवं संगठन के बार-बार अनुरोध के बाद भी आज दिनांक तक सफाई कार्य के मूल्यांकन के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। प्रदेश के समस्त तकनीकी अधिकारियों के द्वारा सफाई कार्य के मूल्यांकन से इन्कार किया जा रहा है। जिसके कारण सफाई करवाने में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है ।
अतः सफाई कार्य के मूल्यांकन के संबंध में प्रक्रिया व निर्देश जारी करने का श्रम करें और इसमें विलंब के लिए उत्तरदायी अधिकारियों पर कार्यवाही की जावे ।

3- सफाई कार्य के मूल्यांकन की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के साथ ही किए गए कार्य के भुगतान की प्रक्रिया भी पूर्णतया अस्पष्ट है। जिसके कारण जिन ग्राम पंचायतो में कार्य चल रहा है, उनमें भुगतान भी नहीं हो रहा है। ऐसे में भुगतान के अभाव में संवेदकों द्वारा भी कार्य करना बंद कर दिया गया है। अतः भुगतान की स्पष्ट प्रक्रिया जारी करवाने का श्रम करें।

4- घर-घर कचरा संग्रहण के लिए एक भी संवेदक द्वारा वाहन उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है एवं बहुत अधिक प्रयासों के बाद भी ग्राम पंचायत घर-घर कचरा संग्रहण नहीं करवा पा रही है। अतः इस संबंध में संपूर्ण प्रदेश में कचरा संग्रहण के लिए संसाधन उपलब्ध करवाने का श्रम करें।

  1. जल जीवन मिशन योजना में पेयजल की लाइन बिछाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की
    80% से अधिक सड़कों एवं नालियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है तथा उनकी मरम्मत भी नहीं की जा रही है। इसके अभाव में गन्दा पानी सड़क पर फैलता है। अतः आपसे आग्रह की जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर सबसे पहले जल जीवन मिशन योजना में क्षतिग्रस्त सड़कों एवं नालियों की मरम्मत करवाई जाए।
  2. ग्राम पंचायत में स्वच्छता के लिए सफाई करने वाले श्रमिकों की और घर-घर
    कचरा संग्रहण के लिए वाहन की उपलब्धता सबसे बड़ी व्यावहारिक जटिलता है। इसके लिए ऐसे सफाई कर्मी और संवेदक जो शहरी क्षेत्रों में सफाई के कार्य लेते है उन्हें प्रोत्साहित कर गांवों में लाने के दिशा में कार्य योजना बनाई जावे । 7. प्रदेश की अधिकांश पंचायत समितियो में आनन फानन में प्रशासनिक, तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति के बिना ही सफाई के टेंडर कर दिए गए है। यह नियम विरुद्ध है। इसके संबंध में भी नियमानुसार कार्यवाही करने का श्रम करें।
  3. स्वच्छता के लिए जो दरें निर्धारित की गई है वह भी संपूर्ण प्रदेश के लिए एक जैसी दरें निर्धारित कर दी गई है। राजस्थान प्रदेश की भौगोलिक स्थितिया अलग है। अतः प्रदेश की भौगोलिक स्थितियों के अनुसार जिला दर निर्धारण समिति के द्वारा बीएसआर दरें निर्धारित की जानी चाहिए । इस संबंध में भी उचित कार्यवाही करने का श्रम करें।
    सादर ।

admin - awaz rajasthan ki

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